प्रातः सभी उठकर भगवान और बड़ों का बंदन करें, मिलकर नित्य संध्या बंधन जरूर करें
१ - जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मैथिल ब्राह्मण समाज प्राचीन समय से भारत में बिहार के तिरहुत, दरभंगा, मुंगेर,कोसी, पूर्णिया आदि एवं नेपाल देश में भी निवास करते हैं ज्ञात हो कि पंच गौड़ ब्राह्मण में मुख्यतः सारस्वत, कान्यकुब्ज, द्राविड़, उत्कल और मैथिल ब्राह्मण आते हैं जो आज भारत के अनेक प्रांतों में भी निवास कर रहे हैं मैथिल ब्राह्मण अपनी विशेष भाषा और लिपि एवं पेंटिग के लिए जाने जाते हैं इनके सरनेम झा, ओझा, उपाध्याय, पाठक, चौधरी, ठाकुर, मिस्र आदि पाये जाते हैं सभी मैथिल ब्राह्मण दो वेदों को मानने वाले होते हैं मुख्य ऋषि- शाण्डिल्य ,वत्स ,कश्यप ,सावर्ण ,कौशिक व भारद्वाज आदि 15 ऋषि हैं ,शाखा -सामवेदी , कौथुमी गोभिल सूत्र वाम शिखा ,वाम पाद हैं आजकल ऋषि गोत्र को भी सरनेम के रूप में देखा जाता है शास्त्र अनुसार शर्मा ब्राह्मण कुल के लिए ही उपयोग होता है
२ -यह वेव साइट मुख्यतः समाज के सभी वर्ग के लिए है जो जानकारी के अभाव में परेशान रहते हैं उन्हें अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास किया गया है जो अधिक जानकारी रखते हैं उनके सहयोग व सुझावों का स्वागत करते हैं
३ -वेव साईट के माध्यम से सभी सामाजिक बंधुओं का जनगणना पंजीकरण कर नाम , निवास पता, आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड एवं पूरे परिवार सहित डाटा बनाया जायेगा जो विभिन्न कार्यों में लाभ देने का काम करेगा, जिनके पास नहीं है अवश्य बनवा लें
४-युवा वर्ग जिसकी उम्र १८ वर्ष हो चुकी है नौकरी /रोजगार करना चाहता है उन्हें सम्बन्धित एक्सपर्ट से सलाह देने व उनका सहयोग करने की कोशिश की जाएगी , जिसका लाभ समाज के प्रत्येक युवाओं को मिलेगा
५ - इस वेबसाइट के माध्यम से सभी परिवारों का जनगणना पंजीकरण कर शादी /प्रशिक्षण /उद्योग /सरकारी योजनाओं की संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास होगा , सभी सामाजिक बंधुओं से निवेदन है वे इसका अधिक से अधिक लाभ उठायें , खुद भी जुड़े और समाज के मित्रों व रिश्तेदारों को जोड़ें
६ - अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट के लिंक में जाकर संबंधित जानकारी लें, किसीभी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा करें, यह एक विस्तृत योजना है जिसमें सभी सामाजिक बंधुओं का सहयोग प्रार्थनीय है
७ - मिथिला नाम, महाराज मिथि के नाम पर पड़ा था. प्राचीन ग्रंथों के मुताबिक, सूर्य कुलोद्भव महाराज मनु के बेटे इच्छवाकु के बेटे निमि थे और निमि के बेटे का नाम मिथि था. वशिष्ठ के शाप से राजा निमि की मौत हो गई थी, लेकिन फिर उनके शरीर के मंथन से मिथि नाम का बेटा पैदा हुआ. इसी बेटे के नाम पर मिथिला राज्य की स्थापना हुई थी.
नोट - अधिक जानकारी के लिए 8433036146, 9323960099 नम्बरों पर सम्पर्क करें जिससे अन्य योजनाओं को शामिल किया जासके, अपना जनगणना पंजीकरण फार्म अवश्य भरें जिसमें सभी जानकारी सही समय पर मिलें, कृपया अपना मोबाइल नंबर बार बार न बदलें क्योंकि सभी तरह की जानकारियां मोबाइल के माध्यम से मिलगी